उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ — राजस्थान के किसान पुत्र की प्रेरणादायक यात्रा
नई दिल्ली, 22 जुलाई 2025 — भारत के वर्तमान उपराष्ट्रपति, जगदीप धनखड़, का जन्म 18 मई 1951 को राजस्थान के झुंझुनू ज़िले के किठाना गाँव में एक किसान परिवार में हुआ था
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
धनखड़ ने प्राथमिक शिक्षा अपने गाँव की सरकारी स्कूल में ग्रहण की, और मध्य विद्यालय की पढ़ाई दूर दूसरे गाँव से करवाई
आगे की पढ़ाई उन्होंने चित्तौड़गढ़ के सैनिक स्कूल से की, जहाँ उन्होंने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया
इसके बाद उन्होंने जयपुर के महाराजा कॉलेज से बी.एससी. (फिजिक्स) और राजस्थान विश्वविद्यालय से एलएल.बी. की डिग्री प्राप्त की
कानूनी करियर
वर्ष 1979 में राजस्थान बार काउंसिल में एडवोकेट के रूप में नामांकन कराया और जल्द ही सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट में वकालत शुरू की
1990 में उन्हें सीनियर एडवोकेट के पद से सम्मानित किया गया, और वे इसी पद पर 2019 तक बने रहे
उन्होंने कई हाई कोर्टों में स्टील, कोयला, खनन, और अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक मध्यस्थता जैसे महत्वपूर्ण मुकदमों में पैरवी की
राजनीतिक पथ
1989 में जनता दल के टिकट पर झुंझुनू से लोकसभा सांसद बने और फिर चंद्रशेखर सरकार में राज्यमंत्री रहे (1990–91)
1993–98 के दौरान राजस्थान विधानसभा में किशनगढ़ से विधायक चुने गए
2003 में भाजपा में शामिल हुए, और 2019 में उन्हें पश्चिम बंगाल के राज्यपाल बनाया गया
NDA के उम्मीदवार के रूप में 2022 में उपराष्ट्रपति निर्वाचित हुए, उन्हें वैध 710 मतों में से 528 वोट मिले—जो 1992 के बाद सबसे बड़ी जीत थी
जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई 2025 को स्वास्थ्य कारणों से उपराष्ट्रपति पद से दिया इस्तीफा, सियासी गलियारों में मचा हलचल।
राजस्थान से पहचान
राजस्थान के झुंझुनू जिले के किठाना गाँव से निकलकर देश के दूसरे सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुँचना धनखड़ की लगन, शिक्षा और प्रतिभा की मिसाल है। अपने गाँव से आकर उन्होंने किसान पुत्र के रूप में पूरे भारतवर्ष में पहचान बनाई
निष्कर्ष
राजस्थान के इस किसान पुत्र ने साबित किया कि प्रारंभिक सीमित संसाधन भी अनमोल सफलता का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं। स्वास्थ्य संबंधी अचनाक इस्तीफे ने राजनीति में हलचल मचा दी है, और अब देश का ध्यान आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव की ओर केंद्रित है।

