परिचय
भारत में संगीत की परंपरा सदियों पुरानी है, और इसी परंपरा को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने का काम किया है मैथिली ठाकुर ने। मधुबनी, बिहार की इस बेटी ने अपनी सुरीली आवाज़ और भारतीय शास्त्रीय संगीत की गहरी समझ से लाखों दिलों को जीता है। आज मैथिली न सिर्फ एक गायिका हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति की पहचान बन चुकी हैं।
शुरुआती जीवन और परिवार
मैथिली ठाकुर का जन्म 25 जुलाई 2000 को बेनीपट्टी, मधुबनी (बिहार) में हुआ था। उनके पिता रमेश ठाकुर एक संगीत शिक्षक हैं, जबकि उनकी माँ भावना ठाकुर गृहिणी हैं।
मैथिली के दो छोटे भाई — रिशव ठाकुर (तबला वादक) और आयाची ठाकुर (गायक) — भी संगीत में ही आगे बढ़ रहे हैं। यह परिवार एक “मिनी बैंड” की तरह है, जहाँ सभी सदस्य संगीत में निपुण हैं।
बचपन से ही मैथिली को संगीत का माहौल मिला। उनके पिता ने उन्हें राग, ताल और सुरों की शिक्षा दी। घर पर शास्त्रीय संगीत का अभ्यास होता था, जिससे उनकी आवाज़ में गहराई और मिठास आई।
संगीत शिक्षा और शुरुआती संघर्ष
मैथिली ने बचपन में ही शास्त्रीय संगीत की शिक्षा लेना शुरू कर दिया था। जब वह मात्र 10 साल की थीं, तभी से स्थानीय कार्यक्रमों और स्कूल प्रतियोगिताओं में भाग लेने लगीं।
उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत नहीं थी, लेकिन संगीत के प्रति जुनून ने उन्हें आगे बढ़ने की ताकत दी।
2011 में पूरा परिवार दिल्ली शिफ्ट हो गया ताकि बच्चों को बेहतर अवसर मिल सकें। दिल्ली में भी मैथिली ने कई कठिनाइयों का सामना किया — छोटा घर, सीमित साधन और पढ़ाई के साथ संगीत का संतुलन बनाना। लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
“Rising Star” से पहचान
मैथिली ठाकुर को असली पहचान मिली कलर्स टीवी के शो “Rising Star” (2017) से।
इस शो में उन्होंने अपनी आवाज़ से जजों और दर्शकों दोनों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
हालांकि वह विजेता नहीं बन सकीं (पहला स्थान बिस्वजित महापात्रा ने जीता था), लेकिन मैथिली ने अपनी सादगी और संगीत के प्रति समर्पण से करोड़ों लोगों के दिलों में जगह बना ली।
सोशल मीडिया पर लोकप्रियता
“Rising Star” के बाद मैथिली ठाकुर ने सोशल मीडिया पर अपना सफर शुरू किया।
उन्होंने यूट्यूब पर भजन, लोकगीत, मैथिली गीत, और हिंदी कविताएँ गाना शुरू किया।
आज मैथिली ठाकुर के यूट्यूब पर 70 लाख से अधिक सब्सक्राइबर हैं और उनके वीडियो करोड़ों व्यूज हासिल करते हैं।
उनके गाए भजन — Achyutam Keshavam, Shiv Tandav, Raghupati Raghav Raja Ram — लाखों लोगों के दिल को छू चुके हैं।
भारतीय संस्कृति और लोकसंगीत की ब्रांड एंबेसडर
मैथिली सिर्फ गायिका नहीं, बल्कि भारतीय लोकसंस्कृति की प्रचारक भी हैं।
उन्होंने मैथिली भाषा, भोजपुरी, अवधी और संस्कृत गीतों को आधुनिक पीढ़ी तक पहुँचाया।
उनका मानना है —
“अगर हम अपनी मिट्टी के गीतों को नहीं गाएँगे, तो हमारी पहचान खो जाएगी।”
इसलिए वह पारंपरिक परिधानों में, शास्त्रीय अंदाज में गीत गाकर युवाओं को भारतीय संस्कृति से जोड़ने का काम कर रही हैं।
पुरस्कार और सम्मान
मैथिली ठाकुर को उनके योगदान के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिनमें प्रमुख हैं:
- यूथ आइकन ऑफ बिहार (2018)
- ग्लोबल इंडियन म्यूजिक अवार्ड (GIMA) में नामांकन
- राष्ट्रीय बाल प्रेरणा पुरस्कार (2021) भारत सरकार द्वारा
- यूट्यूब सिल्वर और गोल्ड प्ले बटन
मैथिली ठाकुर की विचारधारा
मैथिली कहती हैं —
“संगीत सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि साधना है। जो व्यक्ति सुरों में डूब जाता है, वह ईश्वर के करीब पहुँच जाता है।”
वह यह भी मानती हैं कि आज के दौर में भारतीय संगीत को वैश्विक मंच पर ले जाने की जरूरत है, और इसके लिए युवाओं को आगे आना चाहिए।
समाजसेवा और प्रेरणा
मैथिली ठाकुर अपने गांव और बिहार के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।
वह समय-समय पर शिक्षा, संस्कृति और महिला सशक्तिकरण से जुड़े अभियानों में भाग लेती हैं।
उनका सपना है कि भारत के हर कोने में लोकसंगीत को फिर से जीवित किया जाए।
अंतरराष्ट्रीय लोकप्रियता
मैथिली के गाने सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि अमेरिका, यूके, नेपाल और फिजी तक सुने जाते हैं।
वह भारतीय प्रवासियों के लिए “देश की आवाज़” बन चुकी हैं।
कई विदेशी संगीतकारों ने भी उनके साथ ऑनलाइन सहयोग किया है।
आने वाले प्रोजेक्ट्स
सूत्रों के अनुसार, मैथिली ठाकुर जल्द ही अपना पहला शास्त्रीय एल्बम रिलीज़ करने वाली हैं, जिसमें उन्होंने अपने भाइयों के साथ पारंपरिक और आधुनिक धुनों का मेल किया है।
इसके अलावा, वह बिहार के लोकगीतों पर एक डॉक्यूमेंट्री भी तैयार कर रही हैं।
निष्कर्ष
मैथिली ठाकुर आज के समय में सिर्फ एक गायिका नहीं, बल्कि एक संस्कृति दूत (Cultural Ambassador) हैं।
उन्होंने दिखाया है कि मेहनत, लगन और परंपरा से जुड़ाव किसी को भी सफलता की ऊँचाइयों तक पहुँचा सकता है।
उनकी कहानी बिहार ही नहीं, बल्कि पूरे भारत की नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा है।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q1. मैथिली ठाकुर का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उनका जन्म 25 जुलाई 2000 को बेनीपट्टी, मधुबनी (बिहार) में हुआ था।
Q2. मैथिली ठाकुर किस टीवी शो से प्रसिद्ध हुईं?
वह Rising Star (2017) शो से प्रसिद्ध हुईं।
Q3. मैथिली ठाकुर के भाई कौन हैं?
उनके दो भाई हैं — रिशव ठाकुर (तबला वादक) और आयाची ठाकुर (गायक)।
Q4. मैथिली ठाकुर कौन-कौन सी भाषाओं में गाती हैं?
वह हिंदी, मैथिली, भोजपुरी, संस्कृत, और अवधी में गीत गाती हैं।
Q5. क्या मैथिली ठाकुर ने कोई पुरस्कार जीता है?
हाँ, उन्हें राष्ट्रीय बाल प्रेरणा पुरस्कार (2021) समेत कई सम्मान मिले हैं।
Q6. मैथिली ठाकुर के पिता क्या करते हैं?
उनके पिता रमेश ठाकुर एक संगीत शिक्षक हैं।
Q7. मैथिली ठाकुर की सबसे प्रसिद्ध भजन कौन से हैं?
Achyutam Keshavam, Shiv Tandav, Raghupati Raghav Raja Ram।
Q8. मैथिली ठाकुर की सफलता का मुख्य कारण क्या है?
उनका शास्त्रीय संगीत का ज्ञान, परिवार का सहयोग और संस्कृति से जुड़ाव।
सुझाया गया शीर्षक:
“मैथिली ठाकुर की कहानी: मधुबनी की बेटी जिसने अपनी आवाज़ से भारत का नाम रोशन किया”

