लालू यादव की नेट वर्थ: बिहार के सियासी जादूगर की संपत्ति का तिलिस्म और अदालती दांव-पेंच का प्रभाव
पटना, 9 जुलाई, 2025: भारतीय राजनीति के एक ऐसे दिग्गज, जिनका नाम सुनते ही ग्रामीण भारत की मिट्टी की खुशबू और अखाड़े की सियासत एक साथ जेहन में उतर आती है – हम बात कर रहे हैं राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की। उनकी नेट वर्थ सिर्फ एक वित्तीय आंकड़ा नहीं, बल्कि उनके संघर्ष भरे राजनीतिक सफर, अदालती दाविधाओं और परिवार की विरासत का एक जटिल समीकरण है।

अदालती कसौटी पर लालू की संपत्ति: आंकड़े क्या बताते हैं?

लालू प्रसाद यादव की संपत्ति का आकलन करना किसी पहेली को सुलझाने जैसा है। उनके राजनीतिक करियर के साथ कई भ्रष्टाचार के मामले भी जुड़े रहे हैं, खासकर चारा घोटाला, जिसने उनकी संपत्ति की बार-बार जांच करवाई है। इन मामलों के दौरान सामने आए चुनावी हलफनामे और अदालती दस्तावेज ही उनकी संपत्ति को समझने का मुख्य जरिया हैं।

व्यक्तिगत संपत्ति का नज़रिया:

लालू यादव: उपलब्ध जानकारी के अनुसार, लालू यादव की व्यक्तिगत चल संपत्ति (नकद, बैंक जमा आदि) सीमित रही है, जो अक्सर कुछ लाख रुपये में दर्ज की गई है। उनकी अपनी कोई अचल संपत्ति (जैसे कृषि भूमि या आवासीय भवन) घोषित नहीं की गई है।

राबड़ी देवी: उनकी पत्नी, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, के नाम पर कृषि भूमि और आवासीय भवनों सहित करोड़ों रुपये की अचल संपत्ति दर्ज है। साथ ही, उनके पास भी लाखों की चल संपत्ति है।

पारिवारिक साम्राज्य का विस्तृत चित्र:
लालू यादव की संपत्ति को उनके परिवार से अलग करके नहीं देखा जा सकता। उनके बेटों – तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव – और बेटियों के पास भी करोड़ों की संपत्ति है। कई बार ये संपत्तियां विवादों में भी घिरी रही हैं, खासकर बेनामी संपत्ति के आरोपों के चलते। पटना और दिल्ली में कई भूखंडों और फ्लैटों को प्रवर्तन निदेशालय (ED) जैसी एजेंसियों ने कुर्क भी किया है, जो परिवार की कुल संपत्ति का एक हिस्सा थे।

चारा घोटाला और संपत्ति पर उसका असर:

लालू यादव की संपत्ति की चर्चा बिना चारा घोटाला का जिक्र किए अधूरी है। इस घोटाले में दोषी ठहराए जाने के बाद, उन्हें कई बार जेल जाना पड़ा। इन कानूनी लड़ाइयों का सीधा असर उनके और उनके परिवार की घोषित संपत्तियों पर पड़ा है, क्योंकि जांच एजेंसियों ने संपत्ति के स्रोतों और वैधताओं पर लगातार सवाल उठाए हैं।

एक साधारण व्यक्ति से राजसी कद तक का सफर:

गरीब पृष्ठभूमि से निकलकर बिहार और भारतीय राजनीति के शिखर पर पहुंचने वाले लालू यादव का जीवन अपने आप में एक महागाथा है। उन्होंने अपनी अनूठी शैली और ग्रामीण जनता के साथ जुड़ाव से दशकों तक सत्ता के केंद्र में रहे। उनकी नेट वर्थ इस लंबी और अक्सर उथल-पुथल भरी यात्रा का प्रतिबिंब है, जो यह दर्शाती है कि कैसे एक साधारण व्यक्ति ने राजनीतिक शक्ति के माध्यम से अपने और अपने परिवार के लिए एक आर्थिक पहचान बनाई।

यह कहानी केवल धन की नहीं, बल्कि बिहार की उस जटिल राजनीतिक-सामाजिक ताने-बाने की भी है, जहां एक नेता का भाग्य उसकी जन अपील, कानूनी चुनौतियों और पारिवारिक विरासत के साथ गहराई से जुड़ा होता है।

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