स्वामी प्रसाद मौर्य उत्तर प्रदेश के एक वरिष्ठ और चर्चित नेता हैं, जो पिछड़े वर्ग, दलित और वंचित तबकों की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाते हैं। वह कई बार विधायक, मंत्री और विभिन्न राजनीतिक दलों के अहम पदों पर रह चुके हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य का राजनीतिक सफर बहुजन समाज पार्टी (BSP), भारतीय जनता पार्टी (BJP) और समाजवादी पार्टी (SP) जैसे प्रमुख दलों से होकर गुजरा है।


प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

स्वामी प्रसाद मौर्य का जन्म उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ ज़िले में 2 जनवरी 1954 को हुआ। उन्होंने विधि (कानून) की पढ़ाई पूरी की और सामाजिक मुद्दों को लेकर अपनी सक्रियता के कारण जल्द ही राजनीतिक क्षेत्र में कदम रखा।


राजनीतिक करियर

बहुजन समाज पार्टी (BSP)

स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत बहुजन समाज पार्टी से की। वे पार्टी में लंबे समय तक महासचिव रहे और मायावती सरकार में श्रम और रोजगार मंत्री के रूप में कार्य किया। BSP में उन्हें पिछड़े वर्ग के सबसे प्रभावशाली नेता के रूप में देखा जाता था।

भारतीय जनता पार्टी (BJP)

2016 में उन्होंने BSP छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) जॉइन की। 2017 में भाजपा की जीत के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार में उन्हें श्रम एवं सेवायोजन मंत्री बनाया गया।

समाजवादी पार्टी (SP)

जनवरी 2022 में उन्होंने भाजपा से इस्तीफा देकर समाजवादी पार्टी (SP) में शामिल हो गए। उन्होंने भाजपा पर पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों की उपेक्षा का आरोप लगाया। समाजवादी पार्टी में उन्हें OBC वर्ग का मजबूत चेहरा माना जाता है।


विवाद

स्वामी प्रसाद मौर्य अपने विवादित बयानों के लिए अक्सर चर्चा में रहते हैं। खासतौर पर धार्मिक ग्रंथों और जातिवादी व्यवस्था को लेकर की गई उनकी टिप्पणियाँ सुर्खियों में रहती हैं। उन्होंने रामचरितमानस को लेकर भी बयान दिया था, जिससे बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया।


सामाजिक दृष्टिकोण

स्वामी प्रसाद मौर्य हमेशा सामाजिक न्याय, आरक्षण, और समानता जैसे मुद्दों पर मुखर रहते हैं। वे दलितों और पिछड़े वर्गों के अधिकारों की वकालत करते हैं और खुद को संविधान का सच्चा अनुयायी बताते हैं।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

प्रश्न 1: स्वामी प्रसाद मौर्य किस पार्टी में हैं?
उत्तर: वर्तमान में स्वामी प्रसाद मौर्य समाजवादी पार्टी (SP) में सक्रिय हैं।

प्रश्न 2: उन्होंने भाजपा क्यों छोड़ी थी?
उत्तर: उन्होंने भाजपा पर पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया।

प्रश्न 3: क्या वे कभी मंत्री रह चुके हैं?
उत्तर: हां, वे BSP और BJP दोनों की सरकारों में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।

प्रश्न 4: उनका जातीय आधार क्या है?
उत्तर: वे मौर्य/कुशवाहा जाति से आते हैं, जो कि OBC वर्ग में आती है।

प्रश्न 5: क्या वे किसी चुनाव में हारे भी हैं?
उत्तर: जी हां, 2022 के विधानसभा चुनाव में वे फाजिलनगर सीट से हार गए थे।