प्रस्तावना:
आज के वैश्विक व्यापार के दौर में टैरिफ (Tariff) एक बहुत महत्वपूर्ण शब्द बन चुका है। खासकर जब बात भारत और अमेरिका जैसे बड़े देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों की होती है। अमेरिका ने हाल के वर्षों में भारत पर कई तरह के टैरिफ लगाए हैं, जिससे दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों पर असर पड़ा है।

इस लेख में हम जानेंगे कि टैरिफ क्या होता हैअमेरिका ने भारत पर कितना टैरिफ लगाया है, और इसका असर भारत के व्यापार और आम लोगों पर कैसे पड़ता है


टैरिफ क्या होता है?

टैरिफ (Tariff) एक प्रकार का कर या शुल्क होता है, जो एक देश द्वारा दूसरे देश से आयात (import) की गई वस्तुओं पर लगाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य:

  • घरेलू उत्पादकों को विदेशी प्रतिस्पर्धा से बचाना,
  • सरकार की आय बढ़ाना,
  • और रणनीतिक कारणों से कुछ देशों को व्यापारिक दबाव में रखना होता है।

उदाहरण:
अगर भारत अमेरिका से मोबाइल आयात करता है और अमेरिका उस पर 20% टैरिफ लगाता है, तो उस मोबाइल की कीमत 20% ज्यादा हो जाएगी।


अमेरिका ने भारत पर टैरिफ क्यों और कितना लगाया?

🔹 पृष्ठभूमि:

2018–2019 में जब डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति थे, उन्होंने “America First” नीति अपनाई और दुनिया के कई देशों पर उच्च टैरिफ लगाए, जिनमें भारत भी शामिल था।

🔹 प्रमुख कारण:

  • अमेरिका को भारत के ट्रेड सरप्लस (यानि भारत अमेरिका को ज्यादा निर्यात करता है, तुलना में कम आयात करता है) पर आपत्ति थी।
  • भारत द्वारा कुछ अमेरिकी उत्पादों (जैसे मेडिकल डिवाइसेज़, डेयरी प्रोडक्ट्स) पर आयात प्रतिबंध।
  • ई-कॉमर्स और डेटा लोकलाइजेशन जैसे नियमों से अमेरिका असहमत था।

🔹 टैरिफ की सूची (महत्वपूर्ण उत्पादों पर):

उत्पाद अमेरिका द्वारा लगाया गया टैरिफ (%) स्टील 25% एल्युमिनियम 10% कृषि उत्पाद (चावल, मसाले आदि) 10–20% मोटरसाइकिल 50–100% (कुछ मामलों में)

नोट: भारत ने भी जवाबी कार्रवाई में कुछ अमेरिकी उत्पादों (बादाम, अखरोट, सेब आदि) पर टैरिफ बढ़ाए।


अमेरिका के टैरिफ का भारत पर असर

  1. निर्यात घटा: भारत से अमेरिका को होने वाला निर्यात कुछ क्षेत्रों में घटा, खासकर स्टील और एल्युमिनियम सेक्टर में।
  2. उद्योगों पर दबाव: कई मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को नुकसान हुआ।
  3. बढ़ती कीमतें: कुछ उत्पादों की कीमतें अमेरिका में बढ़ गईं, जिससे वहां के उपभोक्ताओं पर भी असर पड़ा।
  4. राजनयिक संबंधों में तनाव: दोनों देशों के बीच कुछ समय के लिए व्यापारिक रिश्ते तनावपूर्ण हो गए थे।

2023-2025 में क्या बदलाव आया?

  • जो बाइडेन प्रशासन ने कुछ मामलों में टैरिफ घटाने या खत्म करने की कोशिश की है।
  • भारत और अमेरिका ने व्यापारिक वार्ताएं तेज़ की हैं ताकि टैरिफ कम हो और दोनों देशों को लाभ मिले।
  • इंडो-पैसिफिक ट्रेड फ्रेमवर्क में सहयोग से भविष्य में टैरिफ विवाद कम होने की संभावना है।

निष्कर्ष:

टैरिफ केवल एक आर्थिक नीति नहीं, बल्कि एक कूटनीतिक और रणनीतिक हथियार भी होता है। अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ ने दोनों देशों के रिश्तों को प्रभावित किया है, लेकिन संवाद और सहयोग के ज़रिए चीजें बेहतर हो रही हैं। आने वाले वर्षों में यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत और अमेरिका किस तरह से अपने व्यापारिक संबंधों को संतुलित रखते हैं।


📝 FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Q1. टैरिफ का मतलब क्या होता है?

उत्तर: टैरिफ एक प्रकार का कर या शुल्क होता है, जो किसी देश द्वारा आयात की जाने वाली वस्तुओं पर लगाया जाता है।

Q2. अमेरिका ने भारत पर कौन-कौन से टैरिफ लगाए हैं?

उत्तर: अमेरिका ने भारत के स्टील, एल्युमिनियम, कृषि उत्पाद और मोटरसाइकिल जैसे उत्पादों पर टैरिफ लगाए हैं।

Q3. टैरिफ का उद्देश्य क्या होता है?

उत्तर: टैरिफ का उद्देश्य घरेलू उद्योगों को विदेशी प्रतिस्पर्धा से बचाना और राजस्व प्राप्त करना होता है।

Q4. क्या भारत ने भी अमेरिका पर टैरिफ लगाया है?

उत्तर: हां, भारत ने जवाबी कार्रवाई में कुछ अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाया है।

Q5. क्या 2025 में टैरिफ कम हो सकते हैं?

उत्तर: हां, भारत और अमेरिका के बीच जारी व्यापारिक वार्ताओं से उम्मीद है कि कुछ टैरिफ कम हो सकते हैं।