रक्षाबंधन 2025 में कब है? जानिए तिथि, महत्व, परंपरा और पूजन विधि
रक्षाबंधन 2025 में कब है? जानिए तिथि, महत्व, परंपरा और पूजन विधि
प्रस्तावना
रक्षाबंधन, भारत का एक प्रमुख पारंपरिक त्योहार है जो भाई-बहन के अटूट प्रेम और रक्षा के वचन का प्रतीक है। यह पर्व हिन्दू पंचांग के अनुसार श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। हर साल रक्षाबंधन की तिथि बदलती है क्योंकि यह चंद्र कैलेंडर पर आधारित होती है। 2025 में रक्षाबंधन कब है, इसका शुभ मुहूर्त क्या है, इसका धार्मिक और सामाजिक महत्व क्या है — इन सभी पहलुओं को हम इस लेख में विस्तार से जानेंगे।
रक्षाबंधन 2025 में कब है?
तिथि: बुधवार, 13 अगस्त 2025
शुभ मुहूर्त:
2025 में रक्षाबंधन पर राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 13 अगस्त को सुबह 10:25 बजे से लेकर शाम 7:03 बजे तक रहेगा।
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 13 अगस्त 2025 को सुबह 07:00 बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त: 14 अगस्त 2025 को प्रातः 05:00 बजे
भद्रा काल:
भद्रा काल में राखी नहीं बांधी जाती।
भद्रा समाप्ति समय: 13 अगस्त को सुबह 10:25 बजे
अतः 13 अगस्त को सुबह 10:25 बजे के बाद से राखी बांधना शुभ रहेगा।
रक्षाबंधन का महत्व
रक्षाबंधन का सीधा संबंध रक्षा और प्रेम के बंधन से है। यह सिर्फ एक धागा नहीं, बल्कि एक ऐसा बंधन है जिसमें बहन अपने भाई की लंबी उम्र और सफलताइस अवसर पर बहन अपने भाई की खुशहाली की कामना करती है, और भाई उसकी रक्षा का भरोसा देता है।
यह पर्व न केवल पारिवारिक रिश्तों को मजबूत करता है, बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक विरासत का भी प्रतीक है। वर्तमान समय में यह त्योहार उन बहनों के लिए भी विशेष है जो अपने भाई से दूर हैं—वे ऑनलाइन माध्यमों से राखी भेजकर यह परंपरा निभा रही हैं।
रक्षाबंधन की पौराणिक कथाएं
रक्षाबंधन से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
- द्रौपदी और श्रीकृष्ण
एक बार श्रीकृष्ण के हाथ में चोट लग गई थी, तब द्रौपदी ने अपनी साड़ी का पल्लू फाड़कर उनके हाथ पर बांध दिया था। श्रीकृष्ण ने तभी वचन दिया था कि वह हमेशा द्रौपदी की रक्षा करेंगे। - राजा बलि और देवी लक्ष्मी
देवी लक्ष्मी ने राजा बलि को राखी बांधकर उसे अपना भाई बनाया और भगवान विष्णु को वापस बैकुंठ ले गईं। इससे रक्षाबंधन की सामाजिक और धार्मिक मान्यता और बढ़ गई। - यम और यमी (यमुनाजी)
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यमराज ने यमुनाजी को वचन दिया था कि जो बहन अपने भाई को प्रेमपूर्वक राखी बांधती है, उसके भाई की आयु बढ़ती है।
रक्षाबंधन की परंपराएं और विधि
पूजन सामग्री:
राखी
रोली, चंदन
अक्षत (चावल)
दीपक
मिठाई
नारियल
भाई की पसंदीदा वस्तु (यदि देना चाहें तो उपहार)
पूजन विधि:
सबसे पहले भाई को पूर्व या उत्तर दिशा में बैठाएं।
थाली में रोली, अक्षत, दीपक और मिठाई रखें।
भाई के माथे पर तिलक लगाएं, अक्षत लगाएं और आरती उतारें।
फिर भाई की कलाई पर राखी बांधें।
मिठाई खिलाकर उसे प्रसन्न करें।
भाई उपहार या कुछ धन बहन को देता है और उसकी रक्षा का वचन देता है।
रक्षाबंधन 2025 के विशेष पहलू
इस साल रक्षाबंधन बुधवार को है, जो कि बुध ग्रह से संबंधित है। बुध व्यापार, बुद्धिमत्ता और सौम्यता का प्रतीक है। इसलिए यह दिन भाई-बहन के संबंधों को और भी मजबूत बनाने वाला है।
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रक्षाबंधन का आधुनिक स्वरूप
वर्तमान समय में रक्षाबंधन का स्वरूप काफी बदल गया है। जहां पहले यह केवल भाई-बहन के रिश्ते तक सीमित था, अब यह उन सभी रिश्तों में मनाया जाने लगा है जिनमें सुरक्षा और स्नेह का भाव होता है। जैसे कि:
सैनिकों को राखी भेजना
गुरु या मित्र को राखी बांधना
बहनें आपस में भी राखी बांधकर एकता का संदेश देती हैं
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
- रक्षाबंधन 2025 में कब है?
रक्षाबंधन का पर्व इस वर्ष 13 अगस्त 2025, बुधवार को देशभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। - राखी बांधने का शुभ मुहूर्त क्या है?
राखी बांधने का शुभ समय 13 अगस्त को सुबह 10:25 बजे के बाद से शाम 7:03 बजे तक है। - क्या भद्रा काल में राखी बांध सकते हैं?
नहीं, भद्रा काल को अशुभ माना जाता है। राखी भद्रा समाप्त होने के बाद ही बांधना चाहिए। - रक्षाबंधन का मुख्य उद्देश्य क्या है?
रक्षाबंधन भाई-बहन के बीच प्रेम, सुरक्षा और विश्वास को दर्शाता है। - क्या बहनें बहनों को राखी बांध सकती हैं?
जी हाँ, आजकल बहनें भी एक-दूसरे को राखी बांधकर महिला एकता और स्नेह का प्रतीक बना रही हैं। - क्या केवल सगी बहन ही राखी बांध सकती है?
नहीं, आज के समय में यह त्योहार सामाजिक भाई-बहन के रिश्ते में भी निभाया जाता है। इसलिए मुंहबोली बहनें भी राखी बांधती हैं। - अगर भाई दूर हो तो क्या करें?
बहनें भाई को डाक, कुरियर या ऑनलाइन माध्यम से राखी भेज सकती हैं, और वीडियो कॉल के माध्यम से यह परंपरा निभा सकती हैं। - क्या राखी केवल भारत में ही मनाई जाती है?
नहीं, रक्षाबंधन विदेशों में रहने वाले भारतीयों द्वारा भी बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
निष्कर्ष
रक्षाबंधन न केवल एक पर्व है, बल्कि यह उस रिश्ते की पहचान है जो विश्वास, प्रेम और जिम्मेदारी पर टिका होता है। 2025 में यह पर्व 13 अगस्त को मनाया जाएगा, जो भाई-बहन के रिश्ते को और प्रगाढ़ बनाएगा। आइए हम सभी इस रक्षाबंधन पर सिर्फ धागा नहीं, बल्कि सच्चे भावनात्मक बंधन को भी मजबूत करें।

