भारत रत्न डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि पर देश ने किया याद, युवाओं के लिए बनी प्रेरणा
सीवान/नई दिल्ली, 27 जुलाई 2025 — आज पूरे देश ने भारत के महान वैज्ञानिक और ‘मिसाइल मैन’ कहे जाने वाले डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को उनकी पुण्यतिथि पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। उनका चिंतन, सादगीभरा व्यक्तित्व और जीवन दर्शन आज भी लाखों लोगों को प्रेरित करता है।
27 जुलाई 2015 को डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने शिलॉन्ग में एक शिक्षा-सत्र के दौरान अंतिम सांस ली। वे आखिरी क्षण तक राष्ट्र निर्माण में लगे रहे और युवाओं को मार्गदर्शन देने में सक्रिय थे। उनका दृढ़ विश्वास था कि देश का भविष्य युवाओं के हाथ में है और शिक्षा ही सशक्त भारत की नींव है।
डॉ. कलाम का जीवन परिचय:
पूरा नाम: डॉ. अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम
जन्म: 15 अक्टूबर 1931, रामेश्वरम (तमिलनाडु)
मृत्यु: 27 जुलाई 2015, शिलॉन्ग
प्रमुख पहचान: मिसाइल मैन, भारत के 11वें राष्ट्रपति (2002–2007)
सम्मान: भारत रत्न, पद्म विभूषण, पद्म भूषण
योगदान: ISRO और DRDO में महत्वपूर्ण भूमिका, अग्नि और पृथ्वी मिसाइल परियोजनाओं के जनक, पोखरण परमाणु परीक्षण में निर्णायक भागीदारी
विचार जो आज भी प्रासंगिक हैं:
“सपना वो नहीं जो सोते वक्त आंखों में आए, असली सपना तो वो है जो आपको चैन से सोने न दे और कुछ कर गुजरने के लिए मजबूर कर दे।” – डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम
डॉ. कलाम ने हमेशा शिक्षा, विज्ञान और युवाओं के उत्थान को प्राथमिकता दी। उन्होंने अपने सरल जीवन और गहन चिंतन से यह सिद्ध किया कि कोई भी व्यक्ति मेहनत और ईमानदारी से राष्ट्र निर्माण में योगदान दे सकता है।
देशभर में श्रद्धांजलि कार्यक्रम:
आज के दिन देशभर में शिक्षण संस्थानों में डॉ. कलाम की स्मृति में निबंध प्रतियोगिताएं, विज्ञान प्रदर्शनियां, भाषण एवं प्रेरक सत्रों का आयोजन किया गया। सोशल मीडिया पर #APJAbdulKalam, #MissileMan और #KalamInspiration जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
निष्कर्ष:
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम आज भले ही हमारे बीच सशरीर उपस्थित नहीं हैं, लेकिन उनके विचारों की गूंज और राष्ट्र के लिए किए गए योगदान आज भी जीवित हैं। उनका जीवन आज की युवा पीढ़ी के लिए एक ऐसी प्रेरणा है, जो उन्हें ऊंचे लक्ष्य तय करने और उन्हें हासिल करने का हौसला देता है।

