भारत के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से Axiom-4 मिशन के जरिए सकुशल वापसी कर भारत का नाम अंतरिक्ष में और ऊंचा कर दिया है।
यह मिशन भारत के अंतरिक्ष इतिहास में गर्व और प्रेरणा का नया अध्याय जोड़ता है, जिसकी सराहना न केवल देश, बल्कि पूरी दुनिया कर रही है।
Axiom Space के Axiom‑4 मिशन में भाग लेते हुए ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष से विज्ञान, तकनीक और प्रेरणा की नई मिसाल पेश की। उन्होंने न सिर्फ वैज्ञानिक प्रयोग किए, बल्कि भारत के युवाओं को अंतरिक्ष से प्रेरणादायक संदेश भेजकर यह दिखाया कि भारतीय प्रतिभा की कोई सीमा नहीं होती। एक संदेश में उन्होंने कहा:
जहाँ ज़मीन खत्म होती है, वहाँ से भारत की उड़ान शुरू होती है।
मिशन की मुख्य उपलब्धियाँ
अंतरिक्ष में 14 दिन का सफल प्रवास
भारतीय छात्रों के प्रश्नों के उत्तर लाइव वीडियो के माध्यम से
जैविक और भौतिक विज्ञान से जुड़े 6 अंतरराष्ट्रीय प्रयोगों में भागीदारी
शून्य गुरुत्वाकर्षण में भारतीय तिरंगे के साथ तस्वीर, जिसने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया
🇮🇳 भारत के लिए गौरव का क्षण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक ट्वीट कर उन्हें बधाई दी:
“शुभांशु शुक्ला जैसे युवा देश को नई ऊंचाइयों तक ले जा रहे हैं। ये सिर्फ मिशन नहीं, भारत के सपनों की उड़ान है।”
युवाओं को संदेश
शुभांशु ने विशेष रूप से बिहार और यूपी के ग्रामीण छात्रों से संवाद करते हुए कहा:
“सपने छोटे-बड़े नहीं होते, उन्हें पूरा करने की हिम्मत बड़ी होनी चाहिए।”
निष्कर्ष:
शुभांशु शुक्ला की यह उड़ान सिर्फ वैज्ञानिक उपलब्धि नहीं, बल्कि भारत के युवा वर्ग के लिए संघर्ष, मेहनत और लक्ष्य के प्रति समर्पण की मिसाल है। आने वाले समय में वे ISRO और Axiom Space के साथ संयुक्त प्रोजेक्ट पर भी कार्य कर सकते हैं।

