तेज प्रताप यादव: राजनीति, साधु रूप और बिहार की नई राजनीति का चेहरा
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के वरिष्ठ नेता और लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। अपने अनोखे अंदाज़, साधु रूप और बेबाक बयानों के लिए चर्चित तेज प्रताप अब सोशल मीडिया और बिहार की राजनीति में नए तेवर के साथ लौटे हैं।
साधु से नेता तक का सफर
तेज प्रताप न सिर्फ एक राजनेता हैं बल्कि एक आध्यात्मिक छवि भी रखते हैं। कभी भगवान शिव का वेश धारण करके लोगों के बीच जाते हैं, तो कभी गीता के उपदेशों के माध्यम से युवाओं को जागरूक करते हैं। उन्होंने खुद को “कृष्ण भक्त” और “बिहार का अर्जुन” बताया है।
सोशल मीडिया पर जबरदस्त सक्रियता
हाल ही में तेज प्रताप यादव ने अपने यूट्यूब चैनल और इंस्टाग्राम पर नए वीडियो सीरीज़ की शुरुआत की है, जिसमें वे “जन संवाद” के जरिए युवाओं से सीधे जुड़ने का प्रयास कर रहे हैं। वे बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरते दिख रहे हैं।
राजनीतिक तैयारियां जोरों पर
तेज प्रताप फिलहाल बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की रणनीति में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। वे युवाओं और छात्रों के बीच जाकर RJD की विचारधारा को मजबूत करने में लगे हैं। उन्होंने हाल में एक बयान में कहा —
“बिहार के युवाओं को फिर से उनके हक की लड़ाई लड़नी होगी। RJD सिर्फ एक पार्टी नहीं, बल्कि क्रांति है।”
पारिवारिक राजनीति में संतुलन
तेज प्रताप और तेजस्वी यादव के रिश्तों को लेकर हमेशा चर्चा बनी रहती है, लेकिन हाल के दिनों में दोनों भाइयों की नजदीकियों ने यह संकेत दिया है कि RJD में अब एकता और मजबूती का नया दौर शुरू हो रहा है।
नोट: तेज प्रताप यादव की राजनीति और उनकी अनोखी छवि युवाओं को आकर्षित करती है। चाहे धार्मिक रूप हो या युवाओं के मुद्दे, तेज प्रताप अपनी बात साफ़ और दमदार तरीके से रखते हैं।

