सिवान (बिहार): बिहार की राजनीति में सिवान जिला हमेशा से चर्चा में रहा है। यह जिला न केवल अपने ऐतिहासिक और सामाजिक पृष्ठभूमि के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि विधानसभा और लोकसभा चुनावों में भी इसकी विशेष भूमिका रहती है।
राजनीतिक दृष्टि से देखें तो सिवान में कुल 6 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से एक सीट अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित है।
सिवान की विधानसभा सीटें कौन-कौन सी हैं?
सिवान जिले में कुल 6 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। ये हैं:
- सिवान (105)
- जीरादेई
- दरौली (SC)
- रघुनाथपुर
- दरौंदा
- बारहरिया
इनमें से दरौली विधानसभा सीट अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित है।
बाकी सभी सीटें सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए खुली हैं।
सीवान विधानसभा क्षेत्र का इतिहास
सिवान विधानसभा सीट जिले की सबसे प्रमुख सीट मानी जाती है।
यहां से कई दिग्गज नेता चुनाव लड़ चुके हैं।
सिवान विधानसभा क्षेत्र (105) सामान्य श्रेणी की सीट है और यह सिवान लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है।
इस सीट का राजनीतिक इतिहास काफी दिलचस्प रहा है —
कभी यह क्षेत्र राजद (RJD) का गढ़ माना जाता था, तो कभी भाजपा (BJP) और जदयू (JDU) के उम्मीदवारों ने यहां से जीत दर्ज की है।
साल 2015 से यहां चुनावों में VVPAT तकनीक का उपयोग किया जा रहा है।
सीमांकन (Delimitation) के बाद बड़ा बदलाव
वर्ष 2008 में हुए Delimitation (सीमांकन) के बाद सिवान जिले की विधानसभा सीटों में बड़े बदलाव किए गए।
पुराने सीटों को पुनर्गठित किया गया और कुछ नई सीटें बनाई गईं।
बदलाव के मुख्य बिंदु:
- दरौली सीट को SC (अनुसूचित जाति) के लिए आरक्षित कर दिया गया।
- पहले मौजूद बसंतपुर सीट को समाप्त कर दिया गया।
- उसकी जगह गोरेयाकोठी विधानसभा सीट का गठन हुआ।
- कुछ ब्लॉकों और पंचायतों को नए सिरे से सीटों में जोड़ा गया।
इस बदलाव का उद्देश्य जनसंख्या और क्षेत्रीय संतुलन बनाना था ताकि सभी वर्गों का समान प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जा सके।
मुख्य विधानसभा सीटों की प्रोफाइल
1. सिवान विधानसभा क्षेत्र
- यह सिवान जिले का प्रमुख शहरी क्षेत्र है।
- यहां विकास, रोजगार, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे मुद्दे हमेशा प्रमुख रहते हैं।
- इस सीट से जीतने वाले उम्मीदवार अक्सर जिले की राजनीति में बड़ी भूमिका निभाते हैं।
2. जीरादेई विधानसभा सीट
- यह सीट बिहार के स्वतंत्रता सेनानी डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के क्षेत्र के रूप में जानी जाती है।
- ग्रामीण पृष्ठभूमि वाली यह सीट सामाजिक संतुलन और विकास के मुद्दों पर आधारित है।
3. दरौली (SC) सीट
- अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित यह सीट सामाजिक समानता की राजनीति का केंद्र रही है।
- यहां वामपंथी दलों (CPI-ML) की पकड़ कई वर्षों से मजबूत रही है।
- वर्तमान में इस सीट पर CPI(ML) के उम्मीदवार सत्ताधारी हैं।
4. रघुनाथपुर सीट
- इस सीट में रघुनाथपुर और हुसैनगंज ब्लॉक शामिल हैं।
- यहां स्थानीय मुद्दे जैसे सड़क, सिंचाई और शिक्षा प्रमुख हैं।
5. दरौंदा सीट
- यह सीट अपने जातीय समीकरण और राजनीतिक उतार-चढ़ाव के लिए जानी जाती है।
- यहां निर्दलीय और क्षेत्रीय दलों का भी प्रभाव देखा गया है।
6. बारहरिया सीट
- बारहरिया विधानसभा क्षेत्र पूरी तरह ग्रामीण है।
- यहां के मतदाता कृषि, सड़क और स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर जागरूक हैं।
वर्तमान राजनीतिक स्थिति
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में सिवान जिले की सीटों पर राजद, जदयू, भाजपा और भाकपा(माले) के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला।
- दरौली सीट से सत्यदेव राम (CPI-ML) ने जीत हासिल की।
- गोरेयाकोठी सीट पर देवेश कांत सिंह (भाजपा) विजयी रहे।
- रघुनाथपुर सीट पर हरीशंकर यादव (राजद) ने जीत दर्ज की।
हर सीट पर स्थानीय मुद्दों के साथ-साथ राज्य की राजनीति का प्रभाव भी देखा गया।
सिवान की राजनीति: संघर्ष और पहचान
सिवान की राजनीति लंबे समय से राज्य की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाती रही है।
कभी यहां मो. शाहाबुद्दीन जैसे प्रभावशाली नेताओं का दबदबा था, तो अब नई पीढ़ी के नेता अपने एजेंडा के साथ राजनीति में सक्रिय हैं।
विकास, सड़क, शिक्षा और बेरोजगारी जैसे मुद्दे अब मतदाताओं की प्राथमिकता में हैं।
भविष्य में संभावनाएँ
सिवान की विधानसभा सीटों में आने वाले वर्षों में कई बदलाव देखे जा सकते हैं।
अगली जनगणना और सीमांकन प्रक्रिया के बाद सीटों की सीमाएँ और जनसंख्या का अनुपात फिर से तय हो सकता है।
इससे नए राजनीतिक समीकरण बनने की संभावना है।
निष्कर्ष
सिवान जिला बिहार की राजनीति का एक मजबूत केंद्र है।
यहाँ की 6 विधानसभा सीटें — सिवान, जीरादेई, दरौली (SC), रघुनाथपुर, दरौंदा और बारहरिया — राज्य की राजनीतिक दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
इतिहास, सीमांकन और बदलते राजनीतिक परिदृश्यों ने सिवान को बिहार की राजनीति का धड़कता हुआ दिल बना दिया है।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
प्रश्न 1. सिवान जिले में कुल कितनी विधानसभा सीटें हैं?
उत्तर: सिवान जिले में कुल 6 विधानसभा सीटें हैं।
प्रश्न 2. कौन सी सीट SC के लिए आरक्षित है?
उत्तर: दरौली विधानसभा सीट अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित है।
प्रश्न 3. क्या सिवान की बसंतपुर सीट अब भी मौजूद है?
उत्तर: नहीं, बसंतपुर सीट को 2008 में हुए सीमांकन (Delimitation) के बाद समाप्त कर दिया गया।
प्रश्न 4. गोरेयाकोठी सीट कब बनी?
उत्तर: 2008 के सीमांकन के दौरान गोरेयाकोठी सीट का गठन किया गया।
प्रश्न 5. सिवान जिले की सबसे प्रभावशाली विधानसभा सीट कौन सी है?
उत्तर: राजनीतिक रूप से सिवान विधानसभा सीट सबसे प्रभावशाली मानी जाती है।

